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Showing posts from January, 2024

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काम और भाग्य और शिक्षा

 

flowers of love

Listen -👇 It was time that passed like a gentle breeze We came together and like the flowing waves of a river we drifted in different directions Some became legends and remained captured in memories. keep meeting in some memories Some are actually found again and lost again. Some dreams came true and some dreams remained dreams some strangers became our own So some remained as strangers There is no such thing that we cannot move forward with time But some such wounds have also been found in the past time. For which perhaps even time has no cure. Only the one who has gone through it understands the pain. Those who haven't gone through it have no idea There is no such thing that we cannot move forward despite bearing those wounds. This is a request to the coming generations If you want to sow, sow flowers which will always remain fragrant. Not thorns that will prick for centuries A day will come when neither I nor you will be there. If you have given flowers in their hands So life w

प्यार के फूल

सुनें -👇 वो वक़्त था जो गुज़र गया  हवा के हलके हलके मद्धम झोंके की तरह  हम साथ मिले और नदी की बहती लहरों की तरह  हम अलग अलग दिशा में बह गए  कुछ अफ़साने बनकर यादों में कैद होकर रह गए  कुछ यादों में मिलते रहते हैं  कुछ हकीकत में दुबारा मिले और फिर से खो गए  कुछ सपने पूरे हुए तो कुछ सपने सपने ही रह गए  कुछ पराये अपने हो गए  तो कुछ अपने पराये होकर रह गए  समय के साथ हम आगे ना बढ़ सकें ऐसी कोई बात नहीं  लेकिन कुछ जख्म ऐसे भी मिले हैं गुज़रे हुए वक़्त में  जिनके शायद वक़्त के पास भी कोई इलाज़ नहीं  जिसपे गुजरी है वही दर्द समझता है  जिनपे नहीं गुजरी उन्हें इसका कोई अंदाज़ा नहीं  उन जख्मों को सहते हुए भी हम आगे ना बढ़ सकें ऐसी भी कोई बात नहीं  गुजारिश है ये आगे आने वाली पीढ़ियों से  बोना है तो फूल बोओ जो हमेशा महकते रहेंगे  कांटे नहीं जो सदियों तक चुभते रहेंगे  आएगा एक दिन ऐसा भी ना मैं रहूँगा ना आप रहेंगे  अगर थमा दिए हैं फूल उनके हाथों में  तो जिंदगी हमेशा खुशगवार और महकती रहेगी  अगर थमा दिए हैं कांटे उनके हाथों में  तो वो सदियों तक चुभते रहेंगे  ना वो दूसरों को सही से जीने देंगे ना खुद सही से जी पाएंग

Attachment (Poem)

 

आज की दुनिया में व्यवहार और आस्था

    सुनें 👉 हमेशा की तरह मैं उस दिन कुछ प्रिंटआउट निकलवाने उस दुकान पर गया जो की मेरे घर से कुछ दूरी पर है। दुकानवाला मेरी जान पहचान का है। थोड़ा हालचाल हुआ। और हालचाल होने के बाद उसने मुझे एक शिवचर्चा में नहीं आने का कारण पूछा। उसका कहना था की तुम शाम को शिवचर्चा में नहीं दिखाई देते। तुमको आना चाहिए। मैंने उसे बताया की मुझे मेरे काम से फुर्सत नहीं मिलती। फिर उसने कहा की ये ठीक नहीं है। मैं कुछ बोलना नहीं चाहता पर तुमको आना चाहिए। मुझे उसकी ये बात धमकी भरी लगी। लेकिन फिर मैंने अपना पक्ष रखा की मेरे घर के लोग तो जाते ही हैं। और मेरा काम ऐसा है की कभी बहुत ही खाली रहता हूँ और कभी इतना काम रहता है की बाहर निकलने का समय ही नहीं मिलता है। हालाँकि मैं चाहता तो ये जवाब भी दे सकता था की मेरी मर्जी, मुझे नहीं पसंद है अगर आपको पसंद है तो आप खुशी से जाइए लेकिन मुझे ऐसा मत बोलिये।  लेकिन मुझे इस तरह के जवाब देना उचित नहीं लगता और अगर सही से समझा जाये तो जहाँ तक हो सके इस तरह के जवाब देने और शब्द इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।  माना की उसको भी इस तरीके से नहीं बोलना चाहिए लेकिन ये जरूरी नहीं है की अ

Behavior and Faith in today's world

Like always, that day I went to the shop which is some distance from my house to get some printouts. The shopkeeper is an acquaintance of mine. There was some movement. And after checking my well being, he asked me the reason for not coming to a Shivcharcha. He said that you are not seen in Shivcharcha in the evening. You should come. I told him that I do not get any time from my work. Then he said that this is not right. I don't want to say anything but you should come. I found his words threatening. But then I put forth my stand that people from my family do go. And my work is such that sometimes I am very free and sometimes I have so much work that I don't get time to go out. However, if I wanted, I could have replied that it's my choice, I don't like it, if you like it then you can go happily but don't call me like that. But I do not find it appropriate to give such answers and if it is understood properly, then as far as possible one should avoid giving such an

हम कहाँ जा रहे हैं

 

Where are we going (Poem)

 

What are soft skills and why are they important in our lives?

 

सॉफ्ट स्किल्स क्या हैं और हमारे जीवन में उनका होना क्यों जरुरी है

 

I am yesterday

 

मैं गुजरा हुआ कल हूँ

 

Life is what it is today

 

जो जिंदगी है वो आज है

 

Impact of social media

 

सोशल मीडिया का प्रभाव

 

Be free poem

 

आजाद हो जाऊँ वीडियो

 

What is the remedy for the feeling of "I can't do it" and despair? video

 

"मुझसे नहीं होगा" की भावना और निराशा का क्या उपाय है ? वीडियो

 

मेहनत ,किस्मत ,सम्भावना ,हिम्मत वीडियो

 

Hard work, Luck, Possibility, Courage video

 

How to Begin Trading in the Financial Markets -These ten things that will make you successful in trading video

 

वित्तीय बाजारों में ट्रेडिंग कैसे शुरू करें - ये दस बातें जो ट्रेडिंग में आपको सफल बनाती हैं वीडियो

 

एड्स जागरूकता का पहला अनुभव वीडियो

 

First experience of AIDS awareness video

 

Right decision with Peace and endurance In English

 

Right decision with Peace and endurance Hindi video

 

लगाव (कविता ) वीडियो

 

When will the Ravana of the mind burn? (Poem) In English

 

मन का रावण कब जलेगा (कविता) वीडियो

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वह दिन - एक सच्चा अनुभव

 सुनें 👇 उस दिन मेरे भाई ने दुकान से फ़ोन किया की वह अपना बैग घर में भूल गया है ,जल्दी से वह बैग दुकान पहुँचा दो । मैं उसका बैग लेकर घर से मोटरसाईकल पर दुकान की तरफ निकला। अभी आधी दुरी भी पार नहीं हुआ था की मोटरसाइकल की गति अपने आप धीरे होने लगी और  थोड़ी देर में मोटरसाइकिल बंद हो गयी। मैंने चेक किया तो पाया की मोटरसाइकल का पेट्रोल ख़त्म हो गया है। मैंने सोचा ये कैसे हो गया ! अभी कल तो ज्यादा पेट्रोल था ,किसी ने निकाल लिया क्या ! या फिर किसी ने इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया होगा। मुझे एक बार घर से निकलते समय देख लेना चाहिए था। अब क्या करूँ ? मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है ?  मोटरसाइकिल चलाना  ऐसे समय पर भगवान की याद आ ही जाती है। मैंने भी मन ही मन भगवान को याद किया और कहा हे भगवान कैसे भी ये मोटरसाइकल चालू हो जाये और मैं पेट्रोल पंप तक पहुँच जाऊँ। भगवान से ऐसे प्रार्थना करने के बाद मैंने मोटरसाइकिल को किक मार कर चालू करने की बहुत कोशिश किया लेकिन मोटरसाइकल चालू नहीं हुई। और फिर मैंने ये मान लिया की पेट्रोल ख़त्म हो चूका है मोटरसाइकल ऐसे नहीं चलने वाली।  आखिर मुझे चलना तो है ही क्योंकि पेट

व्यवहारिक जीवन और शिक्षा

सुनें 👇 एक दिन दोपहर को अपने काम से थोड़ा ब्रेक लेकर जब मैं अपनी छत की गैलरी में टहल रहा था और धुप सेंक रहा था। अब क्या है की उस दिन ठंडी ज्यादा महसूस हो रही थी। तभी मेरी नज़र आसमान में उड़ती दो पतंगों पर पड़ी। उन पतंगों को देखकर अच्छा लग रहा था। उन पतंगों को देखकर मैं सोच रहा था ,कभी मैं भी जब बच्चा था और गांव में था तो मैं पतंग उड़ाने का शौकीन था। मैंने बहुत पतंगे उड़ाई हैं कभी खरीदकर तो कभी अख़बार से बनाकर। पता नहीं अब वैसे पतंग  उड़ा पाऊँगा की नहीं। गैलरी में खड़ा होना    पतंगों को उड़ते देखते हुए यही सब सोच रहा था। तभी मेरे किराये में रहने वाली एक महिला आयी हाथ में कुछ लेकर कपडे से ढके हुए और मम्मी के बारे में पूछा तो मैंने बताया नीचे होंगी रसोई में। वो नीचे चली गयी और मैं फिर से उन पतंगों की तरफ देखने लगा। मैंने देखा एक पतंग कट गयी और हवा में आज़ाद कहीं गिरने लगी। अगर अभी मैं बच्चा होता तो वो पतंग लूटने के लिए दौड़ पड़ता। उस कटी हुई पतंग को गिरते हुए देखते हुए मुझे अपने बचपन की वो शाम याद आ गई। हाथ में पतंग  मैं अपने गांव के घर के दो तले पर से पतंग उड़ा रहा था वो भी सिलाई वाली रील से। मैंने प

अनुभव पत्र

सुनें 👉 आज मैं बहुत दिनों बाद अपने ऑफिस गया लगभग एक साल बाद इस उम्मीद में की आज मुझे मेरा एक्सपीरियंस लेटर मिल जाएगा। वैसे मै ऑफिस दोबारा कभी नहीं जाना चाहता 😓लेकिन मजबूरी है 😓क्योंकि एक साल हो गए ऑफिस छोड़े हुए😎।नियम के मुताबिक ऑफिस छोड़ने के 45 दिन के बाद  मेरे ईमेल एकाउंट मे एक्सपीरियंस लेटर आ जाना चाहिए था☝। आखिर जिंदगी के पाँच साल उस ऑफिस में दिए हैं एक्सपीरियंस लेटर तो लेना ही चाहिए। मेरा काम वैसे तो सिर्फ 10 मिनट का है लेकिन देखता हूँ कितना समय लगता है😕।  समय  फिर याद आया कुणाल को तो बताना ही भूल गया😥। हमने तय किया था की एक्सपीरियंस लेटर लेने हम साथ में जायेंगे😇  सोचा चलो कोई बात नहीं ऑफिस पहुँच कर उसको फ़ोन कर दूंगा😑। मैं भी कौन सा ये सोच कर निकला था की ऑफिस जाना है एक्सपीरियंस लेटर लेने।आया तो दूसरे काम से था जो हुआ नहीं सोचा चलो ऑफिस में भी चल के देख लेत्ते हैं😊। आखिर आज नहीं जाऊंगा तो कभी तो जाना ही है इससे अच्छा आज ही चल लेते है👌। गाड़ी में पेट्रोल भी कम है उधर रास्ते में एटीएम भी है पैसे भी निकालने है और वापस आते वक़्त पेट्रोल भी भरा लूंगा👍।  ऑफिस जाना  पैसे निकालने