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Showing posts from December, 2022

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Impact of social media

Hello social media what have you done What have you filled everyone's mind with entertainment and information who used to be shy of speaking too much in front of people They started acting in front of the camera, you filled them with the worm of becoming a joker. You can also watch this video 👇 Impact of social media Social media you have many names, sometimes you are Facebook, sometimes you are WhatsApp, sometimes Twitter and sometimes Instagram. Once I see you, I will go on seeing you, no matter how many tasks are left You are that ocean, in which once we enter, we keep on drowning, when we think of getting out, we feel like taking a little more dip, all planning fails. the eyes get tired, the brain starts responding Still this habit does not seem to control tired of this habit still I like it hello social media you have done this Someone shares knowledge on this, now only God knows how much truth and how much lies he tells. Some sing a song, some dance, some just move their mo

सोशल मीडिया का प्रभाव

सुनें 👇 हाय रे सोशल मीडिया तूने ये क्या कर दिया  सबके दिमाग में मनोरंजन और जानकारी के साथ साथ तूने क्या क्या भर दिया  शरमाते थे जो कभी लोगों के सामने ज्यादा बोलने से  कैमरे के आगे नौटंकी करने लगे वो तूने उनमे जोकर बनने का कीड़ा कूट कूट कर भर दिया  सोशल मीडिया तेरे कई नाम कभी तू फेसबुक ,कभी तू व्हाट्सप्प ,कभी ट्विटर तो कभी इंस्टाग्राम  एक बार तुझे देखूं तो देखता चला जाऊँ चाहे बाकि हों कितने भी काम  तू तो वो समंदर है जिसमें एक बात उतरो तो डूबते ही जाओ ,निकलने की सोचो तो लगता है थोड़ा और डुबकी मार लूँ सारे प्लानिंग का हो जाता है काम तमाम  आप यह वीडियो भी देख सकते हैं 👇 सोशल मीडिया का प्रभाव आँखें थक जाती हैं ,दिमाग जवाब देने लग जाता है  फिर भी इस आदत पर लगती नहीं लगाम  इस आदत से तंग आ गए हैं  फिर भी ये मन को भाये है  हाय रे सोशल मीडिया तूने ये कर दिया  कोई इस पर ज्ञान बांटता है अब ये तो भगवान् ही जानता है  वो कितना सच और कितना झूठ बोलता है  कोई गाना गाता है ,कोई नाचता है ,तो कोई यूँ ही मुँह चलाता है  एक का ख़त्म हो तो दूसरा शुरू हो जाता है फिर तीसरा शुरू हो जाता है और ये सिलसिला चलता चला ज

machine, development, pollution and our life

One day I was just spending time on social media. Although many things were seen on social media, but one promotion which was of an air purifier machine attracted my attention more. In that promotion, a celebrity was telling about that machine. He was very happily and confidently telling the advantages of that machine. And together he also said that he uses this machine everywhere like in his home, wherever he works. It is not just about the air purifier machine, there are many things that need to be looked into which are advertised with great confidence. Look at the propaganda of the water purifier machine itself, in which it is said that by using it you can drink clean water, but at the same time you have to think that who makes the water dirty and who is making it so impure that a machine is needed to drink clean water.  It is a good thing that we are making progress. Making our life easy and convenient. New things are coming in the market and their benefits are amazing. Install mac

मशीन,विकास,प्रदुषण और हमारी जिंदगी

सुनें 👇 एक दिन ऐसे ही सोशल मीडिया पर थोड़ा वक़्त बिता रहा था। वैसे तो बहुत सारी चीज़ें देखने को मिली सोशल मीडिया पर लेकिन एक प्रचार जो की एक एयर प्यूरीफायर मशीन का था ने मेरा ध्यान अपनी ओर ज्यादा आकर्षित किया। उस प्रचार में एक सेलेब्रिटी महोदय उस मशीन के बारे में बता रहे थे। वो बड़े ही खुशी से और आत्मविश्वास से उस मशीन के फायदे बता रहे थे। और साथ में उन्होंने ये भी कहा की वो इस मशीन का इस्तेमाल हर जगह करते हैं जैसे की अपने घर में ,जहाँ जहाँ काम करते हैं वहां वहां।  ये सिर्फ एयर प्यूरीफायर मशीन की ही बात नहीं है ऐसी बहुत सारी चीज़ों की ओर गौर करने की जरुरत है जिनका प्रचार बड़े आत्मविश्वास के साथ होता है। वाटर प्यूरीफायर मशीन का ही प्रचार देख लीजिये जिसमें बताया जाता है की इसका इस्तेमाल करके साफ़ पानी पीजिये लेकिन साथ में ये भी तो सोचना पड़ेगा की पानी को गन्दा कौन करता है और इतना अशुद्ध कौन कर रहा है की साफ़ पानी पीने के लिए मशीन की जरुरत पड़े।  ये अच्छी बात है की हम तरक्की कर रहे हैं। अपने जीवन को आसान और सुविधाजनक बना रहे हैं। नयी नयी चीज़ें बाजार में आ रही हैं और उनके फायदे भी अदभुत हैं।  मशीन

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वह दिन - एक सच्चा अनुभव

 सुनें 👇 उस दिन मेरे भाई ने दुकान से फ़ोन किया की वह अपना बैग घर में भूल गया है ,जल्दी से वह बैग दुकान पहुँचा दो । मैं उसका बैग लेकर घर से मोटरसाईकल पर दुकान की तरफ निकला। अभी आधी दुरी भी पार नहीं हुआ था की मोटरसाइकल की गति अपने आप धीरे होने लगी और  थोड़ी देर में मोटरसाइकिल बंद हो गयी। मैंने चेक किया तो पाया की मोटरसाइकल का पेट्रोल ख़त्म हो गया है। मैंने सोचा ये कैसे हो गया ! अभी कल तो ज्यादा पेट्रोल था ,किसी ने निकाल लिया क्या ! या फिर किसी ने इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया होगा। मुझे एक बार घर से निकलते समय देख लेना चाहिए था। अब क्या करूँ ? मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है ?  मोटरसाइकिल चलाना  ऐसे समय पर भगवान की याद आ ही जाती है। मैंने भी मन ही मन भगवान को याद किया और कहा हे भगवान कैसे भी ये मोटरसाइकल चालू हो जाये और मैं पेट्रोल पंप तक पहुँच जाऊँ। भगवान से ऐसे प्रार्थना करने के बाद मैंने मोटरसाइकिल को किक मार कर चालू करने की बहुत कोशिश किया लेकिन मोटरसाइकल चालू नहीं हुई। और फिर मैंने ये मान लिया की पेट्रोल ख़त्म हो चूका है मोटरसाइकल ऐसे नहीं चलने वाली।  आखिर मुझे चलना तो है ही क्योंकि पेट

व्यवहारिक जीवन और शिक्षा

सुनें 👇 एक दिन दोपहर को अपने काम से थोड़ा ब्रेक लेकर जब मैं अपनी छत की गैलरी में टहल रहा था और धुप सेंक रहा था। अब क्या है की उस दिन ठंडी ज्यादा महसूस हो रही थी। तभी मेरी नज़र आसमान में उड़ती दो पतंगों पर पड़ी। उन पतंगों को देखकर अच्छा लग रहा था। उन पतंगों को देखकर मैं सोच रहा था ,कभी मैं भी जब बच्चा था और गांव में था तो मैं पतंग उड़ाने का शौकीन था। मैंने बहुत पतंगे उड़ाई हैं कभी खरीदकर तो कभी अख़बार से बनाकर। पता नहीं अब वैसे पतंग  उड़ा पाऊँगा की नहीं। गैलरी में खड़ा होना    पतंगों को उड़ते देखते हुए यही सब सोच रहा था। तभी मेरे किराये में रहने वाली एक महिला आयी हाथ में कुछ लेकर कपडे से ढके हुए और मम्मी के बारे में पूछा तो मैंने बताया नीचे होंगी रसोई में। वो नीचे चली गयी और मैं फिर से उन पतंगों की तरफ देखने लगा। मैंने देखा एक पतंग कट गयी और हवा में आज़ाद कहीं गिरने लगी। अगर अभी मैं बच्चा होता तो वो पतंग लूटने के लिए दौड़ पड़ता। उस कटी हुई पतंग को गिरते हुए देखते हुए मुझे अपने बचपन की वो शाम याद आ गई। हाथ में पतंग  मैं अपने गांव के घर के दो तले पर से पतंग उड़ा रहा था वो भी सिलाई वाली रील से। मैंने प

अनुभव पत्र

सुनें 👉 आज मैं बहुत दिनों बाद अपने ऑफिस गया लगभग एक साल बाद इस उम्मीद में की आज मुझे मेरा एक्सपीरियंस लेटर मिल जाएगा। वैसे मै ऑफिस दोबारा कभी नहीं जाना चाहता 😓लेकिन मजबूरी है 😓क्योंकि एक साल हो गए ऑफिस छोड़े हुए😎।नियम के मुताबिक ऑफिस छोड़ने के 45 दिन के बाद  मेरे ईमेल एकाउंट मे एक्सपीरियंस लेटर आ जाना चाहिए था☝। आखिर जिंदगी के पाँच साल उस ऑफिस में दिए हैं एक्सपीरियंस लेटर तो लेना ही चाहिए। मेरा काम वैसे तो सिर्फ 10 मिनट का है लेकिन देखता हूँ कितना समय लगता है😕।  समय  फिर याद आया कुणाल को तो बताना ही भूल गया😥। हमने तय किया था की एक्सपीरियंस लेटर लेने हम साथ में जायेंगे😇  सोचा चलो कोई बात नहीं ऑफिस पहुँच कर उसको फ़ोन कर दूंगा😑। मैं भी कौन सा ये सोच कर निकला था की ऑफिस जाना है एक्सपीरियंस लेटर लेने।आया तो दूसरे काम से था जो हुआ नहीं सोचा चलो ऑफिस में भी चल के देख लेत्ते हैं😊। आखिर आज नहीं जाऊंगा तो कभी तो जाना ही है इससे अच्छा आज ही चल लेते है👌। गाड़ी में पेट्रोल भी कम है उधर रास्ते में एटीएम भी है पैसे भी निकालने है और वापस आते वक़्त पेट्रोल भी भरा लूंगा👍।  ऑफिस जाना  पैसे निकालने