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Showing posts from June, 2023

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कृपया सोचिये,समझिये फिर राय दीजिये यूँ ही कुछ भी मत बोल दीजिये

सुनें - यूँ ही स्मार्टफोन में कुछ वीडियो देखते देखते एक वीडियो दिखा जिसको देखकर मैं कुछ सोचने पर मजबूर हुआ। उस वीडियो में एक महाशय ये ज्ञान बाँट रहे थे की अगर जिंदगी में कामयाब होना है तो कम्फर्ट लेवल ,अच्छी लाइफ स्टाइल ,हेल्दी लाइफ स्टाइल ,रिलैक्सेशन ,आराम ये सब छोड़ दो। ये सब बकवास की बातें हैं। अगर आप इन सब के बारे में सोचेंगे तो कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे। हालाँकि जिन्होंने ये बात कही है वो बहुत बड़े सेलेब्रिटी हैं। जाहिर सी बात है की उनके पास बहुत पैसा है। बहुत सारी पूंजी भी है। उनके घर में हर तरह की सुविधा भी होगी। आखिर उनके जैसे लोगों के पास नहीं होगी तो किसके पास होगी। आम लोगों के पास तो होगी नहीं। अगर कम्फर्ट लेवल ,हेल्दी लाइफ स्टाइल इत्यादि इतनी ही बुरी चीज़ है तो जितने भी अमीर लोग और बड़े लोग हैं वो बड़े बड़े बंगले क्यों बनवाते हैं रहने के लिए तो एक मंजिला घर जिसमें सभी के लिए जरुरत के हिसाब से कमरे हों काफी है। एक गाड़ी होते हुए भी ज्यादा गाड़ियां क्यों खरीदते हैं। उनके आने जाने के लिए तो एक गाड़ी ही काफी है। इन लोगों का खेती से भी कुछ लेना देना नहीं होता है फिर ये लोग बड़े बड़े फार्मह

Please think, understand, then give opinion, don't just say anything

Listen- While watching some videos on my smartphone, I saw a video, seeing which I was forced to think. In that video, a gentleman was sharing the knowledge that if you want to be successful in life, then leave all these comfort level, good lifestyle, healthy lifestyle, relaxation, comfort. All these things are nonsense. If you think about all these, then you will never be able to succeed. Although those who have said this are very big celebrities. Obviously he has a lot of money. There is also a lot of capital. There will be all kinds of facilities in his house. After all, if people like him do not have it then who will have it? Common people will not have it. If comfort level, healthy lifestyle etc. are such bad things, then why do all the rich people and big people build big bungalows to live in, then a single storey house which has rooms according to the needs of all is enough. Why buy more vehicles even after having one vehicle. One car is enough for them to come and go. These peo

Today morning part -3 God, Faith and Positive energy

In the last part you read how I realized while walking and change in weather that always following rules makes life boring. Sometimes breaking the rules or even a little change in view of the situation in front brings joy in life. That's why we also made changes in our morning routine and enjoying the changed weather, cold wind, very light raindrops and greenery, we walked forward talking to each other. Now know what happened next, enjoying the changing weather and the cool breeze of the morning, we went ahead towards the mountains. While walking, we kept on talking here and there. In such talks, the talk of God and customs started and it started with the fact that many things that happen on customs and God are of superstition and without logic. A friend said that our old people have told many such rituals and mantras which are both rational and good for us. A friend also said that I do not believe in rituals like idol worship or in the Babas of today. I believe that there is a God

आज की सुबह भाग -३ भगवान,विश्वास और सकारात्मक ऊर्जा

सुनें 👇 पिछले भाग में आपने पढ़ा की कैसे मुझे टहलते हुए और बदले हुए मौसम के कारण ये एहसास हुआ की हमेशा नियमों में बंधना जिंदगी को बोर बना देता है। कभी कभी सामने के हालात को देखते हुए नियम तोड़ना या थोड़ा बदलाव भी जीवन में आनंद ला देता है। इसलिए हमने भी बदलाव कर दिए अपने आज की सुबह के नियम में और बदले हुए मौसम का ,ठंडी ठंडी हवाओं का ,बिलकुल हलकी हलकी बारिश की बूँदों का और हरियाली का आनंद लेते हुए हम आपस में बातें करते हुए आगे चल पड़े। अब जानिए आगे क्या हुआ हम बदलते हुए मौसम का और सुबह की ठंडी हवाओं का आनंद लेते हुए आगे बढ़ते गए पहाड़ों की तरफ। चलते चलते इधर उधर की बातें होती रहीं। ऐसे ही बातों बातों में भगवान और रीति रिवाजों की बातें शुरू हुई और शुरु वात इस बात से हुई की बहुत सी बातें जो रीति रिवाज और भगवान के ऊपर होती हैं  अन्धविश्वास और बिना तर्कों की हैं। एक मित्र ने कहा की हमारे पुराने लोग ऐसे बहुत से रिवाज और मंत्र जैसी चीज़ें बता के गए हैं जो तर्कसंगत भी हैं और हमारे लिए अच्छी भी हैं। एक मित्र ने ये भी कहा की मैं कर्मकांड जैसे की मूर्ति पूजा या आजकल के बाबाओं में यकीन नहीं रखता हूँ भगवान

आज की सुबह भाग -२ नियम तोड़ना भी जरुरी है

सुनें 👇 पिछले भाग में आपने पढ़ा की कैसे सुबह उठने के बाद और दौड़ने के लिए जाने से पहले बदले हुए मौसम को देखकर मुझे एहसास हुआ की अकसर हमारे सामने ऐसे हालात होते हैं जिसमें हमारे पास दो या दो से अधिक काम होते हैं और हमारे लिए सभी महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन हमें सोच समझकर और आकलन करके ये तय करना होता है की किसको कितना महत्व देना चाहिए और हालात के अनुसार सभी कामों को कैसे निपटाना चाहिए। ये भी तय करना पड़ सकता है की कौन से काम को कुछ समय तक नहीं करना है। और कौन से काम का होना ज्यादा जरुरी हैं।  अब जानिए आगे क्या हुआ। हम तीनो निकल पड़े जंगलों और पहाड़ों की ओर टहलने ,दौड़ने और कसरत करने के लिए। जंगल की तरफ जाने से पहले हमे लगभग दो किलोमीटर पक्की रोड पर टहलते हुए जाना पड़ता है। हम पेड़ पौधों ,पास की नदी को निहारते हुए और आपस में कुछ इधर उधर की बातें करते हुए और थोड़ा हँसी मजाक करते हुए हम कच्चे रास्ते पर पहुंचे जो की जंगल के करीब ही है।  मैं सुबह की ताज़ी हवा को महसूस करते हुए थोड़ा आगे निकल गया तो एक मित्र ने पीछे से मजाक में कहा की देखो हमारे सेनापति आगे चल रहे हैं। ये सुनकर मैं पीछे आ गया और साथ में च

Today morning Part-2 breaking the rules is also necessary

In the last part you read how after waking up in the morning and before going for a run, looking at the changed weather and I realized that often we are faced with situations in which we have two or more jobs and everything is in front of us. They are important, but we have to decide after thinking and assessing how much importance should be given to whom and how to handle all the work according to the circumstances. It may also have to be decided which work should not be done for some time. And which work is more important. Now know what happened next. The three of us set out for walks, runs and exercises in the woods and mountains. Before going towards the forest, we have to walk about two kilometers on a paved road. Looking at the trees and plants, the nearby river and talking to each other and joking a little, we reached the rough path which is close to the forest. Feeling the fresh air of the morning, I went a little ahead, then a friend said jokingly from behind that look, our ge

आज की सुबह भाग -१

सुनें 👇 हमें सोच समझकर और आकलन करके ये तय करना होता है की किसको कितना महत्व देना चाहिए और हालात के अनुसार सभी कामों को कैसे निपटाना चाहिए। आज की सुबह बड़ी ही मस्त थी। हमेशा की तरह हम तीन लोग सुबह जल्दी उठे और हमेशा की तरह हम सभी घर से बाहर निकले। जब मैं घर से बाहर निकलकर और बरामदे में बैठकर अपने जुते पहन रहा था तो देखा की आज मौसम बहुत अलग है। आसमान में बादल छाये हुए हैं। ऐसा लग रहा था की कभी भी बारिश हो सकती है।  मैंने सोचा की अगर बारिश होने लग गयी तो मेरा और दोस्तों का सुबह दूर तक टहलना ,दौड़ना और कसरत बंद हो जायेगा। फिर मैंने सोचा की हर मौसम का अपना महत्व है। अगर बारिश नहीं हुई तो इस साल पानी की बहुत दिक्कत हो जाएगी। लेकिन मेरे लिए रोज दौड़ना और टहलना भी जरुरी है। दोस्तों का इंतजार करते हुए और अपने घर के सामने टहलते हुए मैं और सोचते हुए इस निष्कर्ष पर पहुँचा की दौड़ने और टहलने का काम अगर कुछ समय नहीं हुआ तो क्या फर्क पड़ेगा। मैं सुबह जल्दी तो उठता ही हूँ जब तक बारिश का मौसम रहेगा तब तक घर में ही सुबह योग करने के बाद कसरत भी कर लूंगा। माना की सुबह मेरे लिए दौड़ना और कसरत जरुरी है लेकिन बार

Today morning Part-1

How much importance should be given to whom and according to the circumstances  how all the work should be done . This morning was very cool. As usual the three of us got up early in the morning and as usual we all went out of the house. When I came out of the house and was wearing my shoes while sitting in the verandah, I saw that today the weather is very different. There are changes in the sky. It seemed that it might rain anytime. I thought that if it starts raining, then my and my friends' morning walk, running and exercise will stop. Then I thought that every season has its own importance. If there is no rain, there will be a lot of water problem this year. But it is also necessary for me to run and walk everyday. While waiting for friends and walking in front of my house I came to the conclusion thinking more that what difference would it make if the work of running and walking is not done for some time. I wake up early in the morning, as long as the rainy season lasts, I wi

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वह दिन - एक सच्चा अनुभव

 सुनें 👇 उस दिन मेरे भाई ने दुकान से फ़ोन किया की वह अपना बैग घर में भूल गया है ,जल्दी से वह बैग दुकान पहुँचा दो । मैं उसका बैग लेकर घर से मोटरसाईकल पर दुकान की तरफ निकला। अभी आधी दुरी भी पार नहीं हुआ था की मोटरसाइकल की गति अपने आप धीरे होने लगी और  थोड़ी देर में मोटरसाइकिल बंद हो गयी। मैंने चेक किया तो पाया की मोटरसाइकल का पेट्रोल ख़त्म हो गया है। मैंने सोचा ये कैसे हो गया ! अभी कल तो ज्यादा पेट्रोल था ,किसी ने निकाल लिया क्या ! या फिर किसी ने इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया होगा। मुझे एक बार घर से निकलते समय देख लेना चाहिए था। अब क्या करूँ ? मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है ?  मोटरसाइकिल चलाना  ऐसे समय पर भगवान की याद आ ही जाती है। मैंने भी मन ही मन भगवान को याद किया और कहा हे भगवान कैसे भी ये मोटरसाइकल चालू हो जाये और मैं पेट्रोल पंप तक पहुँच जाऊँ। भगवान से ऐसे प्रार्थना करने के बाद मैंने मोटरसाइकिल को किक मार कर चालू करने की बहुत कोशिश किया लेकिन मोटरसाइकल चालू नहीं हुई। और फिर मैंने ये मान लिया की पेट्रोल ख़त्म हो चूका है मोटरसाइकल ऐसे नहीं चलने वाली।  आखिर मुझे चलना तो है ही क्योंकि पेट

व्यवहारिक जीवन और शिक्षा

सुनें 👇 एक दिन दोपहर को अपने काम से थोड़ा ब्रेक लेकर जब मैं अपनी छत की गैलरी में टहल रहा था और धुप सेंक रहा था। अब क्या है की उस दिन ठंडी ज्यादा महसूस हो रही थी। तभी मेरी नज़र आसमान में उड़ती दो पतंगों पर पड़ी। उन पतंगों को देखकर अच्छा लग रहा था। उन पतंगों को देखकर मैं सोच रहा था ,कभी मैं भी जब बच्चा था और गांव में था तो मैं पतंग उड़ाने का शौकीन था। मैंने बहुत पतंगे उड़ाई हैं कभी खरीदकर तो कभी अख़बार से बनाकर। पता नहीं अब वैसे पतंग  उड़ा पाऊँगा की नहीं। गैलरी में खड़ा होना    पतंगों को उड़ते देखते हुए यही सब सोच रहा था। तभी मेरे किराये में रहने वाली एक महिला आयी हाथ में कुछ लेकर कपडे से ढके हुए और मम्मी के बारे में पूछा तो मैंने बताया नीचे होंगी रसोई में। वो नीचे चली गयी और मैं फिर से उन पतंगों की तरफ देखने लगा। मैंने देखा एक पतंग कट गयी और हवा में आज़ाद कहीं गिरने लगी। अगर अभी मैं बच्चा होता तो वो पतंग लूटने के लिए दौड़ पड़ता। उस कटी हुई पतंग को गिरते हुए देखते हुए मुझे अपने बचपन की वो शाम याद आ गई। हाथ में पतंग  मैं अपने गांव के घर के दो तले पर से पतंग उड़ा रहा था वो भी सिलाई वाली रील से। मैंने प

अनुभव पत्र

सुनें 👉 आज मैं बहुत दिनों बाद अपने ऑफिस गया लगभग एक साल बाद इस उम्मीद में की आज मुझे मेरा एक्सपीरियंस लेटर मिल जाएगा। वैसे मै ऑफिस दोबारा कभी नहीं जाना चाहता 😓लेकिन मजबूरी है 😓क्योंकि एक साल हो गए ऑफिस छोड़े हुए😎।नियम के मुताबिक ऑफिस छोड़ने के 45 दिन के बाद  मेरे ईमेल एकाउंट मे एक्सपीरियंस लेटर आ जाना चाहिए था☝। आखिर जिंदगी के पाँच साल उस ऑफिस में दिए हैं एक्सपीरियंस लेटर तो लेना ही चाहिए। मेरा काम वैसे तो सिर्फ 10 मिनट का है लेकिन देखता हूँ कितना समय लगता है😕।  समय  फिर याद आया कुणाल को तो बताना ही भूल गया😥। हमने तय किया था की एक्सपीरियंस लेटर लेने हम साथ में जायेंगे😇  सोचा चलो कोई बात नहीं ऑफिस पहुँच कर उसको फ़ोन कर दूंगा😑। मैं भी कौन सा ये सोच कर निकला था की ऑफिस जाना है एक्सपीरियंस लेटर लेने।आया तो दूसरे काम से था जो हुआ नहीं सोचा चलो ऑफिस में भी चल के देख लेत्ते हैं😊। आखिर आज नहीं जाऊंगा तो कभी तो जाना ही है इससे अच्छा आज ही चल लेते है👌। गाड़ी में पेट्रोल भी कम है उधर रास्ते में एटीएम भी है पैसे भी निकालने है और वापस आते वक़्त पेट्रोल भी भरा लूंगा👍।  ऑफिस जाना  पैसे निकालने