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Showing posts from April, 2024

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नींद पूरी होना क्यों जरूरी है ? मेरे अनुभव

नींद पूरी होना क्यों जरूरी है ?  मेरे अनुभव  सुनें 👉 सुबह की ताजगी - आज की सुबह बहुत ही ताज़गी भरी और मस्त लग रही थी। ऊपर टंकी में पानी भर रहा था। पानी चेक करने के बाद मैं छत पर ही टहलने लगा और इधर उधर देखने लगा। सुबह की ठंडी हवा ,सुहाना मौसम , छत से थोड़ी दूर खाली सड़क ,सड़क के किनारे पेड़ पौधे ,उड़ते हुए पंछी और दूर तक फैले हुए पहाड़ बहुत ही अच्छा महसूस करा रहे थे। अच्छा इसलिए भी लग रहा था की मैं करीब दो हफ्ते के बाद सुबह जल्दी उठा हूँ। करीब दो हफ्ते पहले तक मैं सुबह जल्दी उठ जाता था और योग करने के और दूर तक दौड़ने के साथ मेरे दिन की शुरु वात हो जाती थी। लेकिन कुछ समय से नियम बदल गया है। सब कुछ उलटा हो गया है पहले रात को जल्दी सोता था और सुबह जल्दी उठता था लेकिन अब रात को देर तक जागने लगा हूँ और सुबह देर तक सोने लगा हूँ। ऐसा नहीं है की अभी भी मैं सुबह जल्दी नहीं उठ सकता। उठ सकता हूँ लेकिन मैं अपने अनुभव के आधार पर ये जान चूका हूँ की सुबह जल्दी उठने के लिए रात को जल्दी सोना और अच्छी नींद सोना जरूरी है। लगभग सात आठ घंटे की नींद भी जरूरी है स्वस्थ्य रहने के लिए और दिन भर काम को करने के लिए भी

Why is it important to get enough sleep? My experiences

Why is it important to get enough sleep? My experiences Listen - Morning freshness -This morning was looking very fresh and cool. Water was filling the tank above. After checking the water, I started walking on the terrace and looking around. The cool morning breeze, pleasant weather, empty road a short distance from the rooftop, trees and plants on the side of the road, birds flying and the mountains spread in the distance were making me feel very good. It felt good also because I woke up early in the morning after almost two weeks. Till about two weeks ago, I used to wake up early in the morning and start my day with yoga and long runs. But the rules have changed since some time. Everything has turned upside down, earlier I used to sleep early at night and wake up early in the morning but now I have started staying up late at night and sleeping late in the morning. It's not that I still can't wake up early in the morning. I can get up, but based on my experience, I have come

घर पर दवा पहुंचाने की सुविधा -जरुरत और ध्यान रखने वाली बातें

सुनें 👉 आज के दौर में जब की हर वो चीज़ जिसकी आप खरीदारी करना चाहते हैं आप के पास विकल्प उपलब्ध है की आप उसे खुद बाजार जाकर खरीदना चाहते हैं या अपने स्मार्टफोन से या किसी भी तरह से इंटरनेट के माध्यम से अपने घर पर मंगाना चाहते हैं। ये आपके ऊपर निर्भर है। और होम  डिलीवरी  का ये विकल्प काफी चल भी रहा है आज के दौर में। ऐसे में दवाओं को मरीजों या सही लोगों तक पहुंचाने तक के काम में ये विकल्प यानि की दवाओं की होम डिलीवरी काफी मददगार और सुविधाजनक हो सकती है और इस विकल्प के ऊपर पहल भी की जा चुकी है। घर पर दवा पहुंचाने की सुविधा की जरुरत क्यों है -  आजकल की जीवनशैली के कारण ज्यादातर लोगों में छोटी मोटी बीमारी और शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द होना एक साधारण सी बात लगती है। ऐसे हालातों में कुछ दवाओं का घर में हमेशा मौजूद रहना बहुत जरूरी हो गया है। कुछ दवाएँ एक समय बाद ख़त्म हो जाती हैं। कुछ दवाओं को एक समय तक ही इस्तेमाल किया जा सकता है दिए गए समय के बाद उस दवा का इस्तेमाल खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे हालातों में हमेशा दवाओं को घर पर रखने के लिए मंगाने की जरूरत होती ही है। आजकल लोग जिस तरह से व्य

Deliver medicine at home -Necessities and things to keep in mind

Listen 👉 In today's era, when everything you want to buy, you have the option of whether you want to buy it by going to the market yourself or get it delivered to your home from your smartphone or through the internet in any way. It depends on you. And this option of home delivery is quite popular in today's times. In such a situation, this option i.e. home delivery of medicines can be very helpful and convenient in delivering the medicines to the patients or the right people and initiatives have also been taken on this option. Why is there a need for home delivery of medicines? - Due to today's lifestyle, minor illness and pain in any part of the body seems to be a common thing for most of the people. In such circumstances, it has become very important to always have some medicines in the house. Some medicines expire after some time. Some medicines can be used only for a limited period of time if using that medicine beyond a given time may prove dangerous. In such situat

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वह दिन - एक सच्चा अनुभव

 सुनें 👇 उस दिन मेरे भाई ने दुकान से फ़ोन किया की वह अपना बैग घर में भूल गया है ,जल्दी से वह बैग दुकान पहुँचा दो । मैं उसका बैग लेकर घर से मोटरसाईकल पर दुकान की तरफ निकला। अभी आधी दुरी भी पार नहीं हुआ था की मोटरसाइकल की गति अपने आप धीरे होने लगी और  थोड़ी देर में मोटरसाइकिल बंद हो गयी। मैंने चेक किया तो पाया की मोटरसाइकल का पेट्रोल ख़त्म हो गया है। मैंने सोचा ये कैसे हो गया ! अभी कल तो ज्यादा पेट्रोल था ,किसी ने निकाल लिया क्या ! या फिर किसी ने इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया होगा। मुझे एक बार घर से निकलते समय देख लेना चाहिए था। अब क्या करूँ ? मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है ?  मोटरसाइकिल चलाना  ऐसे समय पर भगवान की याद आ ही जाती है। मैंने भी मन ही मन भगवान को याद किया और कहा हे भगवान कैसे भी ये मोटरसाइकल चालू हो जाये और मैं पेट्रोल पंप तक पहुँच जाऊँ। भगवान से ऐसे प्रार्थना करने के बाद मैंने मोटरसाइकिल को किक मार कर चालू करने की बहुत कोशिश किया लेकिन मोटरसाइकल चालू नहीं हुई। और फिर मैंने ये मान लिया की पेट्रोल ख़त्म हो चूका है मोटरसाइकल ऐसे नहीं चलने वाली।  आखिर मुझे चलना तो है ही क्योंकि पेट

व्यवहारिक जीवन और शिक्षा

सुनें 👇 एक दिन दोपहर को अपने काम से थोड़ा ब्रेक लेकर जब मैं अपनी छत की गैलरी में टहल रहा था और धुप सेंक रहा था। अब क्या है की उस दिन ठंडी ज्यादा महसूस हो रही थी। तभी मेरी नज़र आसमान में उड़ती दो पतंगों पर पड़ी। उन पतंगों को देखकर अच्छा लग रहा था। उन पतंगों को देखकर मैं सोच रहा था ,कभी मैं भी जब बच्चा था और गांव में था तो मैं पतंग उड़ाने का शौकीन था। मैंने बहुत पतंगे उड़ाई हैं कभी खरीदकर तो कभी अख़बार से बनाकर। पता नहीं अब वैसे पतंग  उड़ा पाऊँगा की नहीं। गैलरी में खड़ा होना    पतंगों को उड़ते देखते हुए यही सब सोच रहा था। तभी मेरे किराये में रहने वाली एक महिला आयी हाथ में कुछ लेकर कपडे से ढके हुए और मम्मी के बारे में पूछा तो मैंने बताया नीचे होंगी रसोई में। वो नीचे चली गयी और मैं फिर से उन पतंगों की तरफ देखने लगा। मैंने देखा एक पतंग कट गयी और हवा में आज़ाद कहीं गिरने लगी। अगर अभी मैं बच्चा होता तो वो पतंग लूटने के लिए दौड़ पड़ता। उस कटी हुई पतंग को गिरते हुए देखते हुए मुझे अपने बचपन की वो शाम याद आ गई। हाथ में पतंग  मैं अपने गांव के घर के दो तले पर से पतंग उड़ा रहा था वो भी सिलाई वाली रील से। मैंने प

अनुभव पत्र

सुनें 👉 आज मैं बहुत दिनों बाद अपने ऑफिस गया लगभग एक साल बाद इस उम्मीद में की आज मुझे मेरा एक्सपीरियंस लेटर मिल जाएगा। वैसे मै ऑफिस दोबारा कभी नहीं जाना चाहता 😓लेकिन मजबूरी है 😓क्योंकि एक साल हो गए ऑफिस छोड़े हुए😎।नियम के मुताबिक ऑफिस छोड़ने के 45 दिन के बाद  मेरे ईमेल एकाउंट मे एक्सपीरियंस लेटर आ जाना चाहिए था☝। आखिर जिंदगी के पाँच साल उस ऑफिस में दिए हैं एक्सपीरियंस लेटर तो लेना ही चाहिए। मेरा काम वैसे तो सिर्फ 10 मिनट का है लेकिन देखता हूँ कितना समय लगता है😕।  समय  फिर याद आया कुणाल को तो बताना ही भूल गया😥। हमने तय किया था की एक्सपीरियंस लेटर लेने हम साथ में जायेंगे😇  सोचा चलो कोई बात नहीं ऑफिस पहुँच कर उसको फ़ोन कर दूंगा😑। मैं भी कौन सा ये सोच कर निकला था की ऑफिस जाना है एक्सपीरियंस लेटर लेने।आया तो दूसरे काम से था जो हुआ नहीं सोचा चलो ऑफिस में भी चल के देख लेत्ते हैं😊। आखिर आज नहीं जाऊंगा तो कभी तो जाना ही है इससे अच्छा आज ही चल लेते है👌। गाड़ी में पेट्रोल भी कम है उधर रास्ते में एटीएम भी है पैसे भी निकालने है और वापस आते वक़्त पेट्रोल भी भरा लूंगा👍।  ऑफिस जाना  पैसे निकालने