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Showing posts from February, 2024

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Paper notes what to say about you

Listen👇 Paper notes what to say about you You decide who runs away Who else wants to live in peace Paper notes what to say about you If someone wanders then it is for the bread of June So someone is wondering what kind of food to eat today Paper notes what to say about you You are in every country with a different name. Someone walks on the right path and works hard to get you, So someone finds you through deceit and wrongdoing What difference does it make if there is a Illiterate or how bad the character is The one who has you has the dominance in the society. Which skill is good and which skill is bad depends on how much you are connected with whom. Paper notes what to say about you Which place to stay, which place to leave depends only on you, where do you want to meet. Paper notes what to say about you Now take the matter of family, it depends on you who will get how much respect and who will have to bear the taunts. Paper notes what to say about you Whether one believes it or not

कागज़ के नोट तेरा क्या कहना

सुनें👇 कागज़ के नोट तेरा क्या कहना  तू ही तय करता है किसको भागना है  और किसको है चैन से रहना  कागज़ के नोट तेरा क्या कहना  कोई भटकता है तो जून की रोटी के लिए  तो कोई सोच रहा है कौन से तरह का आज खाऊँ खाना  कागज़ के नोट तेरा क्या कहना  तू हर देश में है अलग अलग नाम से  कोई तुझे पाने के लिए सही रास्ते पर चलता है ,मेहनत करता है , तो कोई तुझे पाता है धोखा और गलत काम से  क्या फर्क पड़ता है कोई अंगूठाछाप हो या चरित्र का कितना भी ख़राब हो  समाज में रहता है उसका दबदबा तू जिसके पास हो  कौन सा हुनर अच्छा है ,कौन सा हुनर बुरा है ये इस बात पर तय करता है तू किसके साथ कितना जुड़ा है  कागज के नोट तेरा क्या कहना  कौन सी जगह पर रहना है ,कौन सी जगह छोड़ना है ये तुझपर ही निर्भर करता है तुझे कहाँ है मिलना  कागज़ के नोट तेरा क्या कहना  अब घर परिवार की ही बात ले लो किसको मिलेगी कितनी इज़्ज़त और किसको है ताने सहना ये तुझपर ही निर्भर है  कागज़ के नोट तेरा क्या कहना  कोई माने या ना माने पर आज की सच्चाई तो यही है देशभक्ति ,इंसानियत ,धर्म -कर्म ये सब ऊपर ऊपर की बातें हैं  आपकी इज़्ज़त तो इस बात पर निर्भर हैं की आप कितना कमाते

Work and luck and education

 

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वह दिन - एक सच्चा अनुभव

 सुनें 👇 उस दिन मेरे भाई ने दुकान से फ़ोन किया की वह अपना बैग घर में भूल गया है ,जल्दी से वह बैग दुकान पहुँचा दो । मैं उसका बैग लेकर घर से मोटरसाईकल पर दुकान की तरफ निकला। अभी आधी दुरी भी पार नहीं हुआ था की मोटरसाइकल की गति अपने आप धीरे होने लगी और  थोड़ी देर में मोटरसाइकिल बंद हो गयी। मैंने चेक किया तो पाया की मोटरसाइकल का पेट्रोल ख़त्म हो गया है। मैंने सोचा ये कैसे हो गया ! अभी कल तो ज्यादा पेट्रोल था ,किसी ने निकाल लिया क्या ! या फिर किसी ने इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया होगा। मुझे एक बार घर से निकलते समय देख लेना चाहिए था। अब क्या करूँ ? मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है ?  मोटरसाइकिल चलाना  ऐसे समय पर भगवान की याद आ ही जाती है। मैंने भी मन ही मन भगवान को याद किया और कहा हे भगवान कैसे भी ये मोटरसाइकल चालू हो जाये और मैं पेट्रोल पंप तक पहुँच जाऊँ। भगवान से ऐसे प्रार्थना करने के बाद मैंने मोटरसाइकिल को किक मार कर चालू करने की बहुत कोशिश किया लेकिन मोटरसाइकल चालू नहीं हुई। और फिर मैंने ये मान लिया की पेट्रोल ख़त्म हो चूका है मोटरसाइकल ऐसे नहीं चलने वाली।  आखिर मुझे चलना तो है ही क्योंकि पेट

व्यवहारिक जीवन और शिक्षा

सुनें 👇 एक दिन दोपहर को अपने काम से थोड़ा ब्रेक लेकर जब मैं अपनी छत की गैलरी में टहल रहा था और धुप सेंक रहा था। अब क्या है की उस दिन ठंडी ज्यादा महसूस हो रही थी। तभी मेरी नज़र आसमान में उड़ती दो पतंगों पर पड़ी। उन पतंगों को देखकर अच्छा लग रहा था। उन पतंगों को देखकर मैं सोच रहा था ,कभी मैं भी जब बच्चा था और गांव में था तो मैं पतंग उड़ाने का शौकीन था। मैंने बहुत पतंगे उड़ाई हैं कभी खरीदकर तो कभी अख़बार से बनाकर। पता नहीं अब वैसे पतंग  उड़ा पाऊँगा की नहीं। गैलरी में खड़ा होना    पतंगों को उड़ते देखते हुए यही सब सोच रहा था। तभी मेरे किराये में रहने वाली एक महिला आयी हाथ में कुछ लेकर कपडे से ढके हुए और मम्मी के बारे में पूछा तो मैंने बताया नीचे होंगी रसोई में। वो नीचे चली गयी और मैं फिर से उन पतंगों की तरफ देखने लगा। मैंने देखा एक पतंग कट गयी और हवा में आज़ाद कहीं गिरने लगी। अगर अभी मैं बच्चा होता तो वो पतंग लूटने के लिए दौड़ पड़ता। उस कटी हुई पतंग को गिरते हुए देखते हुए मुझे अपने बचपन की वो शाम याद आ गई। हाथ में पतंग  मैं अपने गांव के घर के दो तले पर से पतंग उड़ा रहा था वो भी सिलाई वाली रील से। मैंने प

अनुभव पत्र

सुनें 👉 आज मैं बहुत दिनों बाद अपने ऑफिस गया लगभग एक साल बाद इस उम्मीद में की आज मुझे मेरा एक्सपीरियंस लेटर मिल जाएगा। वैसे मै ऑफिस दोबारा कभी नहीं जाना चाहता 😓लेकिन मजबूरी है 😓क्योंकि एक साल हो गए ऑफिस छोड़े हुए😎।नियम के मुताबिक ऑफिस छोड़ने के 45 दिन के बाद  मेरे ईमेल एकाउंट मे एक्सपीरियंस लेटर आ जाना चाहिए था☝। आखिर जिंदगी के पाँच साल उस ऑफिस में दिए हैं एक्सपीरियंस लेटर तो लेना ही चाहिए। मेरा काम वैसे तो सिर्फ 10 मिनट का है लेकिन देखता हूँ कितना समय लगता है😕।  समय  फिर याद आया कुणाल को तो बताना ही भूल गया😥। हमने तय किया था की एक्सपीरियंस लेटर लेने हम साथ में जायेंगे😇  सोचा चलो कोई बात नहीं ऑफिस पहुँच कर उसको फ़ोन कर दूंगा😑। मैं भी कौन सा ये सोच कर निकला था की ऑफिस जाना है एक्सपीरियंस लेटर लेने।आया तो दूसरे काम से था जो हुआ नहीं सोचा चलो ऑफिस में भी चल के देख लेत्ते हैं😊। आखिर आज नहीं जाऊंगा तो कभी तो जाना ही है इससे अच्छा आज ही चल लेते है👌। गाड़ी में पेट्रोल भी कम है उधर रास्ते में एटीएम भी है पैसे भी निकालने है और वापस आते वक़्त पेट्रोल भी भरा लूंगा👍।  ऑफिस जाना  पैसे निकालने