भले ही हम उस ज़माने के नहीं हैं लेकिन ये गाना हमारे कानों में कभी ना कभी तो पहुँच ही जाता है किसी तेल के प्रचार के माध्यम से या फिर किसी के द्वारा मजाक के माध्यम से इस गाने के बोल हैं -"सर जो तेरा चकराये या दिल डूबा जाये ,आजा प्यारे पास हमारे काहे घबराये, काहे घबराये " इस गाने में दिखने वाला कोई हीरो नहीं बल्कि गुजरे जमाने के एक बहुत ही मशहूर हास्य कलाकार जॉनी वॉकर हैं। लेकिन वो पहले से ही फिल्म लाइन के नहीं थे। वो फिल्म कलाकार बनने से पहले एक बस कंडक्टर थे। आज का ये लेख वो बस कंडक्टर कैसे बने इसी के बारे में है क्योंकि उनका बस कंडक्टर बनने का किस्सा भी काफी दिलचस्प है। ये किस्सा जॉनी वॉकर जी के पुत्र, व खुद भी एक एक्टर रहे , नासिर खान जी ने अपने एक यूट्यूब वीडियो में बताई थी। कहानी शुरू होती है जॉनी वॉकर के बचपन से। तब वो जॉनी वॉकर नहीं बल्कि बदरुद्दीन थे। जॉनी वॉकर ये नाम तो उनका फ़िल्मी दुनिया में आने के बाद पड़ा था। लेकिन वो जॉनी वॉकर के नाम से मशहूर हैं तो उनके बारे में इसी नाम से बताना सही होगा। हुआ ये की एक बार बचपन में जॉनी जी की आंख में कुछ दिक्कत हुई थी।उनके माता-पि...
सुनें 👇 यह मेरे कॉलेज के दिनों की एक घटना है जिसमे एक दिन मुझे कॉलेज से घर जाते समय एक लड़की दिखी। जानी पहचानी लगी। फिर याद आया की एक समय स्कूल के दिनों में वो मेरी ही क्लास में थी। तब वह काफी मोटी हुआ करती थी लेकिन अब काफी फिट है और खूबसूरत भी। इसके आगे जो कुछ भी हुआ उससे मुझे ये सबक मिला की भावनाओं में बहकर किसी के भी सामने और कहीं भी किसी के भी बारे में कुछ भी नहीं बोल देना चाहिए चाहे वो सच ही क्यों ना हो क्योंकि लोग हर बात को गहराई से समझने के बजाय ज्यादातर गलत मतलब ही निकालते हैं। हमेशा की तरह उस दिन भी मैं कॉलेज से निकला घर जाने की लिए अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए। वैसे तो मैं डायरेक्ट बस ना मिलने पर दूसरे स्टॉप तक पैदल ही जाता था। लेकिन उस दिन मैं ऑटो से जा रहा था। उस दिन आसमान में बदल छाये हुए थे और बारिस होने की भी संभावना थी। उस ऑटो में बैठे हुए अभी कुछ ही दूर पहुंचा होऊंगा की ऑटो वाले ने एक लड़की के सामने ऑटो रोक दिया जो की एक सिग्नल से थोड़ी दूर सड़क के किनारे खड़ी थी। शायद वो लड़की उसकी पहचान की रही होगी। वह ऑटोवाला उसे ऑटो में बैठने के लिए बोल रहा था लेकिन वो...