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अनुभव पत्र

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आज मैं बहुत दिनों बाद अपने ऑफिस गया लगभग एक साल बाद इस उम्मीद में की आज मुझे मेरा एक्सपीरियंस लेटर मिल जाएगा। वैसे मै ऑफिस दोबारा कभी नहीं जाना चाहता 😓लेकिन मजबूरी है 😓क्योंकि एक साल हो गए ऑफिस छोड़े हुए😎।नियम के मुताबिक ऑफिस छोड़ने के 45 दिन के बाद  मेरे ईमेल एकाउंट मे एक्सपीरियंस लेटर आ जाना चाहिए था☝।

आखिर जिंदगी के पाँच साल उस ऑफिस में दिए हैं एक्सपीरियंस लेटर तो लेना ही चाहिए। मेरा काम वैसे तो सिर्फ 10 मिनट का है लेकिन देखता हूँ कितना समय लगता है😕। 

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समय 

फिर याद आया कुणाल को तो बताना ही भूल गया😥। हमने तय किया था की एक्सपीरियंस लेटर लेने हम साथ में जायेंगे😇 सोचा चलो कोई बात नहीं ऑफिस पहुँच कर उसको फ़ोन कर दूंगा😑। मैं भी कौन सा ये सोच कर निकला था की ऑफिस जाना है एक्सपीरियंस लेटर लेने।आया तो दूसरे काम से था जो हुआ नहीं सोचा चलो ऑफिस में भी चल के देख लेत्ते हैं😊। आखिर आज नहीं जाऊंगा तो कभी तो जाना ही है इससे अच्छा आज ही चल लेते है👌। गाड़ी में पेट्रोल भी कम है उधर रास्ते में एटीएम भी है पैसे भी निकालने है और वापस आते वक़्त पेट्रोल भी भरा लूंगा👍। 
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ऑफिस जाना 

पैसे निकालने के बाद मैं गाड़ी बाहर पार्क करके वहां जानी पहचानी जगहों को निहारते हुए HR डिपार्टमेंट की तरफ चला गया। लॉकडाउन के बाद मै पहली बार ऑफिस में कदम रख रहा था। कोरोना को ध्यान में रखते हुए डिस्टेंसिंग के नियमों की खानापूर्ति की हुई थी।

रिसेप्शन पर पूछने पर मैंने बताया की एक्सपीरियंस लेटर के लिए आया हूँ। फिर जब रिसेप्शन वाली लेडी ने जब ये पूछा की कौन से डिपार्टमेंट मे थे तभी बाजु में खड़े सिक्योरिटी वाले अंकल ने मेरे डिपार्टमेंट का नाम बता दिया। मैंने हँस कर कहा- "क्या! बात है पहचान लिया"😁। उन्होंने कहा- "मेरा यही पर काम रहता है, मै सबको पहचान लेता हूँ"😎। वैसे मुझे ताज्जुब हुआ क्योंकि मैंने उन्हें पहचान लिया था वो अलग बात है लेकिन उनका मुझे पहचानना एक साल बाद वो भी मास्क वाले चेहरे साथ😃।

उसके बाद सिक्योरिटी वाली मैडम ने HR डिपार्टमेंट में फ़ोन करके मेरे बारे में बताया और मुझे इंतज़ार करने के लिए कहा। वहाँ सोफे पर बैठ कर मै सोचने लगा एक समय यही बैठकर इंटरव्यू के लिए अपनी बारी का इंतज़ार कर रहा था और अब अपने एक्सपीरियंस लेटर के लिए इंतज़ार कर रहा हूँ 💭पता नहीं कैसे मैंने यहाँ इतने साल गुज़ार दिए😕 और अब यहाँ आने का भी मन नहीं करता खैर मुझे नहीं याद करने वो कड़वे अनुभव ,ना ही कोई जॉब करनी है, ऐसी जगह तो बिलकुल नहीं😡, इससे अच्छा अपना हुनर निखारो और खुद का काम चालू करो😍। मेरा एक्सपीरियंस लेटर मिल जाये और यहाँ से चलू👍। 
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इंतज़ार 

काफी देर हो गयी थी😐 मैंने रिसेप्शन पर कहा काफी देर हो रही है उनको बोलिये😏। उन्होंने कहा ठीक है  बैठो वो बुलाएँगे अभी। मै वापस बैठ गया इंतज़ार करने और सोचने लगा पता नहीं इतनी देर क्यों हो रही है ,जो भी हो  ,आज तो मै अपना एक्सपीरियंस लेटर लेकर ही जाऊँगा😟😠। 
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दफ्तर 

मै इंतज़ार करते हुए इधर उधर देखते हुए टाइमपास कर रहा था। मेरे सामने दो लडकियां बैठी हुई थी इंटरव्यू के लिए बैठी थी शायद😀 ,और एक तरफ एक भाईसाहब मोबाइल  मे लगे हुए थे ,मैंने सोचा कमाल है यार इसकी मोबाइल में सिगनल आ रहा है ,मेरे मोबाइल में तो नहीं आ रहा है रिस्टार्ट करने के बावजूद भी ,वैसे भी यहाँ आते ही मोबाइल का सिगनल या तो आता ही नहीं है या आता भी है तो सिर्फ नाममात्र का😅। थोड़ी देर पहले ही मैंने कुणाल को फ़ोन करने की कोशिश किया था लेकिन फ़ोन नहीं लगा सिगनल न होने की वजह से।
 
मै बैठा इंतज़ार ही कर रहा था की एक पहचान वाला चेहरा दिखा पहले मेरे प्रोसेस में था, मेरे बाद ज्वाइन हुआ था बाद में दूसरे प्रोसेस शिफ्ट कर दिया गया था। बहुत समय बाद मिले थे थोड़ा हाल चाल हुआ। ये भी जॉब छोडंने की बात कर रहा था लेकिन बाहर जॉब भी तो नहीं है। मैंने कहा अपने खुद से कुछ करने का प्लान है तो ही जॉब छोड़ क्योंकि अभी जॉब का बहुत ही ख़राब समय चल रहा है। 

फिर सिक्योरिटी वाले अंकल आके बोले थोड़ा बाहर चल कर बात करो हम थोड़ा बाहर आकर बात करने लगे ,वैसे वहा डिस्टर्बेंस नहीं था ,कोरोना की वजह से एक दो प्रोसेस के अलावा सभी का वर्क फ्रॉम होम ही चालू है।
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सिक्योरिटी वाला आदमी 

थोड़ी बात करने के बाद वो ब्रेक पर चला गया। मैंने सोचा चलो थोड़ा बाहर आ ही गया हूँ तो कुणाल को फ़ोन लगा ही लेता हूँ। 
दो बार कोशिश करने के बाद आखिर फ़ोन लग ही गया और दूसरी बार फ़ोन करने पर कुणाल भाईसाहब ने फ़ोन उठा लिया। पहले तो आवाज़ ही नहीं जा रही थी ठीक से ,फिर जब आवाज आनी शुरू हुई तब मैंने बताया भाई आजा मैं ऑफिस आया हुआ हूँ HR वाले भी हैं ,और उनके अलावा एक दो प्रोसेस भी चालू हो गयी हैं ,आ सकता तो आजा आज एक्सपीरियंस लेटर ले लेते हैं। उसका जवाब आया मेरे घर में मेहमान आये हुए हैं ,मेरा आज आना पॉसिबल नहीं होगा। मैंने कहा कोई बात नहीं यार बाद में आ जाना वैसे मैं भी दूसरे काम से आया था सोचा आज इधर भी देख लेता हूँ। चल कोई बात नहीं बाय बाय। 
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बहुत ज्यादा इंतज़ार 

कुणाल से बात करने के बाद मैं वापस उस जगह पर आकर बैठ गया और इंतज़ार करने लगा। लेकिन कितना इंतज़ार करुँ फिर पास मे बैठे एक भाईसाहब से बात करने की एक नाकाम कोशिश की, मैंने कहा- "और भाई इंटरव्यू देने के लिए आये हो "?,अरे!लेकिन ये क्या ये तो कोई भाव ही नहीं दे रहा है जैसे का तैसा पड़ा हुआ है😕, फिर समझा अच्छा तो ये बात है, भाईसाहब ने कान में इयरफोन ठूस रखा है और गेम खेलने में लगे हुए हैं वैसे ये भाईसाहब वही हैं जिनको पहले मैंने गौर किया था की इनके मोबाइल में सिगनल आ रहा है और मेरे में नहीं😉। खैर थोड़ी देर बाद वो भाईसाहब चले गए और फिर दो और लोग आकर बैठ गए। थोड़ी देर बाद मैंने उनमे से एक से बात करने की कोशिश की और आखिर करता भी क्या सुबह से दोपहर हो गयी थी बोर हो रहा था वैसे भी मशीन थोड़ी न हूँ😐😅।
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बोर 

फिर मैंने बात करना चालू किया मैंने पूछा- "इंटरव्यू के लिए आये हो"? उन भाईसाहब के चेहरे पर थोड़ा तनाव नज़र आया 😥और वो बोले- "नहीं मेरा बेटा ज्वाइन हुआ है घर से काम चालू है और सिस्टम में प्रोब्लेम है वही ठीक कराने गया है बाकि आप मेरे बेटे से ही बात कर लो मुझे कुछ नहीं समझता ये सब😥। फिर मैंने कहा- "अरे आप रिलैक्स हो जाइए मैं कोई इंटरव्यू लेना वाला नहीं हूँ ,मैं ऐसे ही टाइमपास कर रहा हूँ😅" ,फिर उन्होंने पूछा- "तो क्या आप इंटरव्यू देने आये हो"? मैंने कहा-" नहीं मैंने कब का रिजाइन डाल दिया है आज एक्सपीरियंस लेटर लेने आया हूँ"। इतने में दूसरा भाईसाहब यानि उनका बेटा भी आ गया उन्होंने इशारा करते हुए कहा-" इसी से बात कर लीजिये"। ये सुनकर वो लड़का भी थोड़ा तनाव में आ गया और इंग्लिश में अपना इंटरव्यू देने लगा-" हाइ सर आई कम्प्लेटेड माय बीबीए एंड एमबीए एंड जॉइंड थ्री डेज बिफोर😎", मैंने कहा- "रिलैक्स हो जाओ, मै ऐसे ही टाइमपास के लिए पूछ रहा था"😅😂। वो थोड़ा रिलैक्स हुआ और बैठ  गया लेकिन उसकी इंग्लिश बंद नहीं हो रही थी मैंने कहा- "आल दी बेस्ट👍"! और बात खत्म करने की कोशिश की वैसे हमारे देश मैं इंग्लिश सिर्फ एक भाषा नहीं है स्टेटस सिंबल है जो जितना अच्छा बोल ले वो उतना ही स्मार्ट है😁😂😜।
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हँसी आना 

थोड़ी देर में उनका भी काम हो गया और वो चले गए। मै फिर बैठ कर बोर होने लगा और कुछ इधर उधर की बातें सोचने लगा😇। 
सामने देखते हुए ख्याल आया की कैसे जब मैं पहली बार यहाँ आया था और बाहरी चमक धमक जैसे की साफ़ सुथरा फर्श ,सफाई,लाइट ,काँच वाले दरवाजे आदि देखकर आकर्षित हो गया था। इतने समय बाद यहाँ आकर यह अन्दाजा लगा सकता हूँ की इस शहर का कोई भी नया लड़का जो ग्रेजुएशन कर यहाँ आये तो कैसे इम्प्रेस हो सकता है क्योंकि इनका पहला इम्प्रेशन हमेशा अच्छा पड़ता है किसी पर भी। वो कहावत भी तो है की फर्स्ट इम्प्रैशन इज लास्ट इम्प्रैशन😉👌। 
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दफ्तर की ईमारत 

अब तो बैठे बैठे बहुत ज्यादा इंतज़ार हो गया टॉयलेट भी लग रही है इधर का वाशरूम भी नहीं इस्तमाल कर सकता क्योंकि अब एक्सेस नहीं है😳। फिर मैंने रिसेप्शन पर पूछा- "कितनी देर लगेगी सुबह से दोपहर हो गयी😕"? उसके बाद सिक्योरिटी वाले से पूछकर वाशरूम चला गया। अच्छा है इसबार पार्किंग मे वाशरूम की सुविधा हो गयी है जब इंटरव्यू के लिए आया था तब थोड़ा दूर चलकर कंस्ट्रक्शन वाला वाशरूम इस्तेमाल करना पड़ा था😊। पहले तो झाड़ियों का ऑप्शन था लेकिन बिल्डींगे बन जाने की वजह से वो ऑप्शन भी नहीं है😉। अपनी सेफ्टी के लिए पास के एक भाईसाहब से पूछ लिया की जेंट वाशरूम ही है ना क्योंकि वहाँ ऐसा कुछ लिखा नहीं था😅। 
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असमंजस 

वाशरूम से निबटने की बाद ख्याल आया की क्यों ना किसी जानकार दोस्त से पूछ लिया जाये नहीं तो ये तो ऐसे ही घुमाते रहेंगे😏। चलो सुनेश सर को फ़ोन लगते हैं ,फ़ोन लगाया दो बार रिंग गयी लेकिन नहीं उठाया लगता है कही बिजी हैं। अब किसको फ़ोन लगाऊ हाँ मानस को लगाता हूँ वो इनसब मामलो का विकिपीडिया है😇। मानस ने एक ही बार में फ़ोन उठाया।बहुत दिनों बाद बात हो रही थी थोड़ा हालचाल हुआ उसमे इस ऑफिस की यादें भी शामिल थी। फिर मेरी समस्या सुनने का बाद उसने बताया की मेरा भी एक्सपीरियंस लेटर 45 दिन बाद नहीं आया था तो मैंने hrconnect को मेल भेजा था। मेरा तीन दिन में मेल पर एक्सपीरियंस लेटर आ गया था वो भी दो बार इनको ऊपर से दबाव पड़ता है तो बराबर काम होता है,तुझे फॉर्मेट भेजता हूँ इसी फॉर्मेट में मेल भेज देना। मैंने कहा अच्छा है ये तो दो मिनट का काम है😊।
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अनुभव पत्र के लिए प्रार्थना पत्र 



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उपाय 

मेल भेजने के बाद वही बैठे हुए मेरी नज़र सामने पार्किंग पर गयी अभी भी पार्किंग फुल का बोर्ड लगा हुआ था ,मैंने सोचा कमाल है पार्किंग की प्रॉब्लम अभी भी वैसी ही है अभी तो लॉकडाउन की वजह से वर्क फ्रॉम होम चालू है और यहाँ ट्रायल के लिए एक या दो प्रोसेस हैं😕।
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नो पार्किंग 

यही सोच कर इधर उधर देख रहा था की नज़र पड़ी ऑफिस के तरफ आते हुए किसी पर ,जानी पहचानी लग रही थी और मै पहचान गया ये अनुश्री है उसकी नजर भी मुझ पर पड़ी और वो भी मुझे पहचान गयी👀। हम दोनों ने एक दूसरे की तरफ हाथ हिलाया और एक दूसरे की तरफ बढ़ चले🙋 और फिर बातें करने लगे उसने पूछा-"आप यहाँ कैसे वापस ज्वाइन कर रहे हो क्या? मैंने कहा-"नहीं हाथ जोड़कर माफ़ी मांगने आया हूँ इनलोगो से",अरे मजाक कर रहा हूँ एक्सपीरियंस लेटर लेने आया हूँ एक साल हो गए है।यहाँ मै वापस कभी नहीं ज्वाइन करने वाला"😅😄। 
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बातचीत 


फिर उसने पूछा- "क्या कर रहे हो आजकल"? मैंने कहा- "टीचिंग फील्ड के लिए एग्जाम दिया है और ब्लागिंग कर रहा हूँ बहुत सारे आर्टिकल्स लिखने का काम है ,बहुत अच्छा करने के बाद अर्निंग चालू हो जाएगी"😇👍। 
उसने कहा अच्छा तो आप ब्लागिंग कर रहे हो। 
मैंने कहा हाँ ये सब जॉब अब मुझसे नहीं होने वाला अब अपना ही कुछ करना है। 
फिर उसने कहा हम लोग भी कही दूसरी सिटी शिफ्ट होना चाहते है। 
फिर मैंने पूछा आप के वो-------?
उसने कहा हाँ मेरे हस्बैंड इसी ऊपर वाली ऑफिस में साथ में ही है। 
फिर मैंने कहा फिर क्या प्रॉब्लम है जब दोनों साथ में ही हो ? यहाँ ज्यादा ग्रोथ नहीं है इसलिए ,चलो ठीक है ,मै तो नहीं जा सकता मेरा तो सब यही है। ठीक है फिर मिलते है आपको देर हो रही होगी मै भी चलता हूँ देखूँ काम हुआ की नहीं😊। 
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रिसेप्शन 

फिर वो चली गयी। मै भी रिसेप्शन पर आ गया और रिसेप्शन वाली मैडम को बोला बहुत देर हो गयी है इतना क्या समय लग रहा है एक्सपीरियंस लेटर में😞। रिसेप्शन वाली मैडम ने HR मे फ़ोन लगाया और HR वाले महोदय से मेरी बात करवाई उन्होंने पूछा- "आपने रिजाइन डाला था क्या"? मैंने कहा- "हाँ सर और तीन महीने का नोटिस पीरियड भी पूरा करके गया था " फिर उन महोदय ने कहा की आप hrconnect पर मेल भेज दो आपका एक्सपीरियंस लेटर आपके ईमेल पर आ जाएगा👍। 
फिर मैंने कहा- "सर मैंने hrconnect पर मेल भेज दिया है"👍। 
उन्होंने कहा-"कब भेजा"? 
मैंने कहा- "आधा घंटा पहले"। 
उन्होंने कहा- "ठीक है आपको मेल पर एक्सपीरियंस लेटर आ जायेगा"।
फिर मैंने पूछा- "कब तक आएगा"? 
जबाब आया- "दो दिन में आ जाना  चाहिए"। 
"ओके थैंक यू सर"😄। 
"वेलकम"🙏। 
और मैं फ़ोन रख कर जाने लगा। फिर मुड़कर रिसेप्शन वाली मैडम से बोला की उनसे बोलना की ये बात मुझे सुबह ही बता देते मुझे इतने देर से रुका कर क्यों रखा था😓😕😖😲। 
मैडम मुस्कराती रही और मैं वहां  से बाहर चला गया😊😎। 
सोचा अब घर चलता हूँ काफी देर हो गयी है भूख भी बहुत लग रही है।अब पेट्रोल कल भराउँगा आज का काम चल जाएगा😋👍। 
रास्ते में एक एक्सीडेंट हुआ था मुझे थोड़ा ताजुब हुआ क्योंकि कुछ साल पहले ऑफिस जाते समय मेरा भी एक्सीडेंट हुआ था इसी जगह पर। ये महज एक सयोंग ही है और कुछ नहीं💭। फिर मैं घर पंहुचा और थोड़ी देर में मुझे एक मेल आया की आपको अब कुछ और करने की जरुरत नहीं है आपका रिकवेस्ट प्रोसेस में है और आपको सूचित कर दिया जायेगा।
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दुर्घटना

ये पढ़कर मुझे थोड़ी राहत महसूस हुई और मैंने कुणाल को फोन करके बताया की भाई ऑफिस आने की जरुरत नहीं है मैं एक फॉर्मेट फॉरवर्ड कर रहा हूँ व्हाट्सप्प पर उसी फॉर्मेट मे hrconnect को ईमेल भेज देना। 

कुणाल से बात करने के बाद थोड़ा रिलैक्स होने के बाद मैंने मानस को भी थैंक्स मैसेज भेजा और शाम होते होते मेरे ईमेल पर एक्सपीरियंस लेटर आ चुका था उसके बाद मैंने आज जो भी अनुभव हुआ लिखना शुरू कर दिया ,मैं जब ऑफिस में बैठा बोर रहा था तभी सोच लिया था अपने आज के बारे मे जरूर लिखूँगा क्योंकि आज एक्सपीरियंस लेटर मिलने के साथ साथ आज के दिन का अनुभव बाकि दिनों से कुछ अलग था😊😇। 

एक्सपीरियंस लेटर मिलने के साथ साथ मुझे ये भी अनुभव हुआ की जहाँ तक हो सके कोई भी काम करने से पहले वो काम क्या है ,कैसे करना चाहिए इत्यादि की प्लानिंग कर लेनी चाहिए जैसे अगर मैंने पहले से प्लानिंग किया होता और मुझे ये जानकारी होती की hrconnect  पर मेल भेजना है और कौन से फॉर्मेट में भेजना है तो मुझे उस दिन इतना इंतज़ार नहीं करना पड़ता। लेकिन जो भी हुआ उस आधार पर ये कह सकता हूँ की जिंदगी में होने वाली चीज़ें चाहे अच्छी हों या बुरी कुछ ना कुछ तो सीखा के ही जाती हैं इसलिए जहाँ तक हो सके हम अपने जिंदगी को ख़ुशी से जीते रहें और सीखते रहें। 
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 लिखना 

लेकिन अपने इस सही अनुभव के आधार पर मैं ये दावा नहीं करता की सबके साथ वैसा ही अनुभव हो जैसा मेरे साथ हुआ और सब जगह खासकर नौकरी वाली जगहों पर वैसा ही हो जैसा मैंने अनुभव किया। लेकिन किसी भी चीज़ का अपना अलग अलग पहलू होता है। मैंने इस लेख के माध्यम से अपना पहलू रखा है सिर्फ जानकारी देने के प्रयोजन से। 

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