एआई नौकरियां बनाम मानव नौकरियां: क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारी नौकरियाँ खत्म कर देगा?

आज की दुनिया में अगर  “आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI)” की बात की जाये तो ये सिर्फ एक नयी तकनीक तक ही सिमित नहीं रह गया है , बल्कि ये नौकरी और लगभग हर तरह के उद्योगों के लिए एक क्रांति का रूप ले चूका है।

आज कोई भी उद्योग हो चाहे वो शिक्षा हो, बैंकिंग, हेल्थकेयर या कंटेंट राइटिंग आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के प्रभाव से बचा हुआ नहीं है।

एआई नौकरियां बनाम मानव नौकरियां: क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारी नौकरियाँ खत्म कर देगा?

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है की :

क्या आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की वजह से लोगों की नौकरियाँ खत्म हो जाएंगी ,या आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की वजह से नए अवसर पैदा होंगे रोजगार के ?

आइए इसके बारे में सही से समझते हैं -

पहले हमें समझना होगा की आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस नौकरियों की दुनिया में कैसे बदलाव ला रहा है या ये भी कह सकते हैं की AI के आने से नौकरीओं और कामों में क्या बदलाव आ रहे हैं और वो पहले से कैसे अच्छे हो रहे हैं -

अब ये कहना भी उचित है की ए आई ऑटोमेशन अब सिर्फ फैक्ट्री या मशीन सेक्टर तक सीमित नहीं है। बल्कि ये लगभग सभी तरह के कामों को प्रभावित कर रहा है। 

चैट जीपीटी, जेमिनी ,कोपिलॉट जैसे एआई टूल्स के आने व इस्तेमाल के कारण कंटेंट, कोडिंग और डिज़ाइन के काम में  बहुत ही गति आ गयी है। यानी की पहले इन कामों में जितना समय और आदमिओं के जरुरत होती थी अब लगभग वैसे जरुरत नहीं रह गयी है। 

एआई एनालिटिक्स ने डेटा प्रोसेसिंग, रिपोर्टिंग और बिज़नेस डिसीजन को पहले की तुलना में बहुत ही आसान बना दिया है।

कस्टमर सपोर्ट बोट्स अब 24×7 सेवाएं दे रहे हैं, जिससे मानवीय कर्मचारियों की जरूरत घट रही है।

📊 वर्ल्ड इकनोमिक फोरम (डब्लू इ एफ) की एक रिपोर्ट के अनुसार —

“2030 तक लगभग 40% पारंपरिक नौकरियाँ स्वचालन (ऑटोमेशन) से प्रभावित होंगी, पर साथ ही 97 मिलियन नई टेक्नोलॉजी-आधारित नौकरियाँ भी पैदा होंगी।”

अब समझते हैं वो कौन कौन सी नौकरियां हैं जो एआई के कारण खतरे में हैं और उसके मूल कारण क्या हैं -

खतरे में नौकरियाँ कारण
  • डाटा एंट्री ऑपरेटर्स 
  •         ऑटोमेशन टूल्स 
  • कस्टमर्स सपोर्ट एक्सक्यूटिव्स
  •        चैटबोट्स  और वॉइस एआई 
  • बेसिक कंटेंट राइटर्स 
  •         एआई राइटिंग टूल्स 
  • टेली कॉलर्स
  •        वॉइस एआई सिस्टम्स
  • बेसिक डिजाइनर्स
  •        कैनवा + एआई टूल्स

यहाँ ये ध्यान में रखना भी जरूरी है की वास्तव में ये नौकरी चले जाने की वजह नहीं हैं बल्कि ये कहना ठीक होगा की जो भी प्रभाव हो रहा है एआई के आने से उससे उस नौकरी को करने के तरीके में बदलाव जरूर आएंगे लेकिन ये नौकरीओं को पूरी तरह से ख़त्म नहीं कर सकता हैं।जैसे की कंटेंट राइटर की जॉब है जिसके बारे में कहा जा रहा है की एआई राइटिंग टूल्स आने से ये जॉब खतरे में है। लेकिन अपने अनुभव के आधार पर कहूं तो ये जो एआई राइटिंग टूल्स हैं ये एक राइटर के लिए पर्सनल अस्सिस्टेंट का काम करते हैं और जानकारी जल्दी हासिल करने और राइटिंग के अन्य दूसरे काम करने में समय और खर्चा बचाते हैं। ऐसे ही दूसरे कामों में भी है इनसे कामों में बदलाव जरूर आ रहा है लेकिन इस बदलाव से नौकरियां एकदम से ख़त्म ही हो जाएँगी ये कहना ठीक नहीं है। 
जैसे कम्प्यूटर के आने से उस समय नौकरीओं में बहुत से बदलाव आये होंगे लेकिन नौकरियां ख़त्म नहीं हुई थी बल्कि नए तरह के काम और नौकरियां आयी थी। 
 
अब ये भी समझना जरुरी है की एआई से कौन कौन सी नौकरियां आ रही हैं -
  • एआई प्रोम्प्ट इंजीनियर 
  • डाटा साइंटिस्ट /एनालिस्ट 
  • एआई ट्रेनर और ेथिसिस्ट 
  • ऑटोमेशन स्पेशलिस्ट 
  • एआई कंटेंट क्यूरेटर 
  • एआई साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट 
ये भी ध्यान देने योग्य है की भारत में एआई कौशल में माहिर युवकों की बहुत ही भारी मांग है। यानि इसमें आज के समय में अच्छा करियर बनाने का बहुत ही सुनहरा  मौका है। 
अगर विश्व के देशों की बात की जाये तो एआई कौशल के लिए नौकरी देने वाले देशों में अमेरिका और चीन सबसे आगे हैं। भारत में भी तेजी से एआई वाली नौकरियां बन रही हैं। NASSCOM की एक रिपोर्ट के अनुसार २०२५ में और २०२५ के अंत तक भारत में 8–10 लाख नई एआई नौकरियाँ बनने की संभावना है।

इन आधारों पर ये कहना ठीक होगा की एआई हम इंसानों के काम को और आसान बनाने आया है और समय बचाने भी। वास्तव में ये जो समय है ये एआई बनाम इंसान नहीं बल्कि समय की मांग तो ये है की एआई और इंसान मिलकर कैसे इस दुनियां और इस दुनियां के काम को बेहतर बनाये ये समझना और सही कदम उठाना हैं। ये सच है की एआई के पास डाटा यानि इनफार्मेशन है लेकिन दिल या दिमाग नहीं है और इंसान एक समय पर बहुत सारी चीज़ें नहीं याद रख सकता है और ना ही तुरंत इनफार्मेशन दे सकता है जैसे एआई दे देता है बहुत कम समय में। लेकिन एआई के पास हम इंसानों की तरह रचनात्मकता, भावनाएँ नहीं होती हैं। एआई कितना भी तरक्की कर ले वो हम इंसानों की तरह महसूस और सोच नहीं सकता। इसलिए आज के समय की अनुसार ये कहना सही है की हमें एआई की और एआई को हमारी जरुरत है। 
अंत में ये कहना उचित होगा की "एआई इंसानों की जगह नहीं ले रहा है बल्कि उन्हें बेहतर बनने का मौका दे रहा है।"

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