स्मार्टफोन और इंटरनेट: फायदे, नुकसान, खतरे और सुरक्षित इस्तेमाल के उपाय

देखा जाये तो स्मार्टफ़ोन आने से हम सब के जीवन में एक तरह से क्रांति आ चुकी है। बहुत सारे काम स्मार्टफोन पर हो जाते हैं जैसे अगर किसी को फोटो भेजना हो तो तुरंत स्मार्टफोन से फोटो खींचों अगर एडिट करने की जरुरत हो तो कोई बड़ी बात नहीं है एडिट करो जरुरत के हिसाब से और भेज दो जहाँ आपको भेजना है। ऐसे ही कैसा भी फॉर्म भरना हो ,रिजर्वेशन करना हो , कहीं पैसे भेजने हों या कहीं से भी पैसे मंगाने हो आजकल तुरंत हो जाता है पल भर में।

स्मार्टफोन और इंटरनेट: फायदे, नुकसान, खतरे और सुरक्षित इस्तेमाल के उपाय
स्मार्टफोन और इंटरनेट के फायदे, नुकसान और सुरक्षित उपयोग को दर्शाती चित्र।

सबसे बड़ी बात तो ये है स्मार्टफोन के मामले में की इसने संचार के क्षेत्र में वाकई क्रांति ला दी है। आदमी कितना भी दूर हो दुनिया के किसी भी कोने में हो तुरंत उसके बारे में पता चल जाता है उसका हालचाल भी जल्दी मिल जाता है। चाहे तो वॉइस कॉल करके उससे जी भर के बात कर लीजिये या टेस्ट मैसेज भेज दीजिये या फिर वीडियो कॉल करके देख लीजिये की वो अभी कैसा दिख रहा है वास्तव में वो किस हालत में है। कमाल का है स्मार्टफोन मनोरंजन से लेकर लगभग आजकल के सारे जरुरी काम हो जाते हैं इसकी मदद से। 

लेकिन जहाँ इसके इतने फायदे हैं वही इसके उतने ही नुकसान भी हैं और खतरे भी हैं। सबसे ज्यादा तो दुनियाभर के फ्रॉड कॉल आते रहते हैं। वो अलग बात है की किसी को बहुत ज्यादा आते होंगे तो किसी को कभी कभी आते ही होंगे लेकिन आते जरूर हैं। आज कल के जो छोटे बच्चे हैं वो बाहर के खेल खेलने के बजाय स्मार्टफोन में लगे रहते हैं। ये भी देखने में आता है की लोग जब फुर्सत में हों वो एक दूसरे से बातचीत करने के बजाय स्मार्टफोन देखने में लगे रहते हैं। बात भी करते हैं तो बहुत ही कम थोड़ा बात करने के बाद वो फ़ोन में ही लगे रहते हैं। ऐसा लगभग सभी लोग करते हैं चाहे वो दो दोस्त हों चाहे वो पतिपत्नी हों या किसी भी तरह के रिलेशन में हों। 

स्मार्टफोन और स्क्रीन की लत से ग्रस्त भारतीय परिवार में मोबाइल के उपयोग के कारण माता-पिता और बच्चे एक-दूसरे की उपेक्षा कर रहे हैं।
स्मार्टफोन की लत — रिश्तों में दूरी

वैसे एक बात तो माननी पड़ेगी की स्मार्टफोन के कारण टाइम पास बहुत अच्छा होता है । क्योंकि स्मार्टफोन में लगभग हर चीज़ है सभी के पसंद के कंटेंट हैं मनोरंजन , ज्ञान की बातें , गंभीर बातें , मस्ती भरी बातें सबकुछ। ऐसा भी नहीं है की स्मार्टफोन इस्तेमाल करने के लिए आपको एक या कुछ भाषाएँ आनी ही चाहिए। स्मार्टफोन अपने आपको सभी तरह के लोगों के हिसाब से ढाल चूका है यानि इसमें लगभग सभी तरह के लोगों के लिए उनके पसंद के हिसाब से कंटेंट हैं। ये अपनी पहुँच लगभग दुनियां के हर जगह ,हर तरह की भाषा ,बोली और हर तरह के सोच वाले और काम करने वाले लोगों तक बना चूका है। स्मार्टफोन ने अपनी पहुँच सिर्फ हर तरह के लोगों और जगहों और कामों में ही नहीं बनाया है बल्कि ये लोगों के दिलों दिमाग तक भी अपनी जगह और पहुँच बना चूका है। 

एक समय था जब कहा जाता था की आदमी की जो मूलभूत जरुरत है वो है रोटी कपड़ा और मकान। लेकिन आज के समय में लगता है की स्मार्टफोन और इंटरनेट ना हों तो लोग जीवन की कल्पना नहीं कर पाएंगे। करेंगे भी कैसे मनोरंजन से लेकर रोज के बहुत सारे कामों के लिए लोग स्मार्टफोन और इंटरनेट पर निर्भर होते जा रहे हैं। ये कहना भी ठीक है की आज के लोग काफी हद तक इंटरनेट और स्मार्टफोन पर लगभग अपने सभी कामों के लिए निर्भर हो चुके हैं कुछ लोगों को छोड़कर जो बुजुर्ग हो चुके हैं और जिन्होंने शुरू से ही फ़ोन जैसी चीज़ों के लिए दुरी बना कर रखी है। वो लोग कभी कभार मनोरंजन के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर लेते हैं। स्मार्टफोन से थोड़ी दुरी रखने वालों में वो लोग भी होंगे जो इसके इस्तेमाल को सुविधाजनक तो मानते हैं लेकिन सुरक्षित नहीं मानते हैं। 

ये तो हो गयी स्मार्टफोन और इंटरनेट की तारीफ़ और आज के समय में उसका महत्व। अब बात करते हैं की इससे गलत क्या क्या होता है। 

आप अपने काम से सम्बंधित कई ऐप और वेबसाइट का इस्तेमाल करते हैं लेकिन होता ये है की कई ऐप और वेबसाइट आपके निजी डेटा जैसे की नाम, फ़ोटो, लोकेशन, कॉन्टैक्ट बिना सही अनुमति के इकट्ठा कर लेते हैं।इससे होता ये की आपकी पहचान चोरी हो सकती है , आपकी पहचान को इस्तेमाल करके गलत विज्ञापन बनाया जा सकता है , या फिर भविष्य में आपकी पहचान का किसी तरह के गलत काम में इस्तेमाल किया जा सकता है। 

इसी तरह से फिशिंग ,फ्रॉड कॉल व संदेश आते हैं जिसमें संदिग्ध ऐप या लिंक से फोन में वायरस आ जाते हैं जो डेटा चुराते हैं या फोन लॉक कर लेते हैं। उसके बाद आपकी निजी फोटो ,वीडियो या किसी भी तरह की फोटो या फाइल लीक हो जाती है। आपके फ़ोन में खराबी आ जाती है। ऐसा भी होता है की आपको अनजान नंबरों से फ़ोन आते हैं और डरा धमका कर रुपयों पैसों की मांग की जाती है। जरुरी नहीं है की ब्लैकमेल करने वाला रूपए पैसों की ही मांग करे बल्कि वो आपकी लीक जानकारी और कमजोरी का फायदा उठा कर और आपके दिलो दिमाग में डर बनाकर किसी भी तरह के गलत काम करवा सकता है या सकती है। इसके लिए कुछ हिदायतें दी जाती हैं की केवल आधिकारिक स्टोर से ऐप डाउनलोड करें, अनजान APK न चलाएँ, मोबाइल में सुरक्षा ऐप रखें। 

इसी तरह से अगर आपको इंटरनेट की लत लग जाती है तो आपका समय बर्बाद होता है , गलत तरह के कंटेंट देखने के कारण आपके मानसिक स्वास्थ्य जैसे की तनाव, डिप्रेशन, आत्म-सम्मान गिरना समस्याएं होती हैं। इनसे बचने के लिए हिदायत दी जाती है की सोशल मीडिया से ब्रेक लें, सकारात्मक कंटेंट फॉलो करें, ज़रूरत पड़े तो पेशेवर मदद लें। क्योंकि गलत कंटेंट भी भरपूर मात्रा में भरे पड़े हैं इंटरनेट की दुनिया में ,कई तरह से लोगों में तुलना होती है , राजनीतिक भी और दूसरे क्षेत्रों से सम्बंधित दुनियाभर की बयानबाज़ी और बकवास दिखाए जाते हैं। इसके अलावा और भी बहकाने और भड़काने वाले कंटेंट दिखाए जाते हैं। 

इसके अलावा शारीरिक नुकसान भी होते हैं जैसे की लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आँखों में थकान, गर्दन दर्द , सिरदर्द, नींद में गड़बड़ी इत्यादि। इनसे बचने की लिए हिदायत दी जाती है की सही पोजीसन में बैठकर स्मार्टफोन और इंटरनेट का इस्तेमाल करें। लगातार इस्तेमाल करने के बजाय बीच बीच में ब्रेक लेते रहें। 

अगर आप इंटरनेट पर अपना लोकेशन शेयर करते हैं तो कोई आपका पीछा कर सकता है , चोरी कर सकता है या लूटमार की भी घटना हो सकती है। इसलिए सार्वजनिक जगह पर लाइव लोकेशन शेयर करना ठीक नहीं होता है।

आप अगर फ्री के चक्कर में आकर अवैध तरीके से किसी वेबसाइट से फ़िल्में या कोई ऐप डाउनलोड करते हैं तो वायरस का खतरा तो होता ही है इसके साथ आप कानूनी मुश्किलों में भी फँस सकते हैं। इसके लिए आप सम्बंधित कानूनों का सम्मान करते हुए स्ट्रीमिंग/सॉफ़्टवेयर आधिकारिक स्रोत से ही उपयोग करें।  

और भी पता नहीं किस किस तरह की परिशानियाँ हो सकती हैं स्मार्टफोन और इंटरनेट की वजह से। इसलिए दोस्तों हर चीज़ के लिए स्मार्टफोन पर निर्भर मत रहिये। आप स्मार्टफोन को अपने आप से ज्यादा स्मार्ट मत होने दीजिये। स्मार्टफोन से ज्यादा अपनी स्मार्टनेस का इस्तेमाल करें ताकि स्मार्टफोन आप की मदद करने के लिए काम करे ना की आप स्मार्टफोन के लिए जीना शुरू कर दें हद से ज्यादा स्मार्टफोन पर निर्भर होकर। 

एक कहावत तो ये भी है हमारे भारतीय समाज में और सभी ने कभी ना कभी तो सुना ही होगा की "जीने के लिए खाओ ,खाने के लिए मत जीयो।" इसी तरह से ये भी कहना ठीक होगा की "स्मार्टफोन और इंटरनेट आप के लिए बने हैं ,आप स्मार्टफोन और इंटरनेट के लिए नहीं बने हैं।" 


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